CGPSC Syllabus 2022 in Hindi

CGPSC Syllabus 2022 in Hindi- CGPSC सम्पूर्ण Syllabus, परीक्षा का स्वरूप की जानकारी.

CGPSC Syllabus 2022 in Hindi

CGPSC Syllabus 2022 in Hindi

CGPSC परीक्षा का स्वरूप

CGPSC Prelims (प्रारम्भिक परीक्षा)
प्रश्न पत्र अवधि कुल अंक
प्रथम प्रश्न पत्र
General Studies
( सामान्य अध्ययन )
कुल प्रश्न – 100
2 घंटा 200 अंक
सही उत्तर 2 अंक
गलत उत्तर -1/3
द्वितीय प्रश्न पत्र
Aptitude Test
( योग्यता परीक्षा )
कुल प्रश्न – 100
2 घंटा 200 अंक
सही उत्तर 2 अंक
गलत उत्तर -1/3


CGPSC MAINS (मुख्य परीक्षा)
प्रश्न पत्र अवधि कुल अंक
प्रश्न पत्र-1
भाषा
3 घंटे 200
प्रश्न पत्र-2
निबंध
3 घंटे 200
प्रश्न पत्र-3
सामान्य अध्ययन-I
इतिहास, संविधान एवं
लोक प्रशासन
3 घंटे 200
प्रश्न पत्र-4
सामान्य अध्ययन-II
विज्ञान, प्रौद्यौगिकी एवं पर्यावरण,
गणित एवं तार्किक योग्यता
3 घंटे 200
प्रश्न पत्र-5
सामान्य अध्ययन-III
अर्थव्यवस्था एवं भूगोल
3 घंटे 200
प्रश्न पत्र-6
सामान्य अध्ययन-IV
दर्शन एवं समाजशास्त्र
3 घंटे 200
प्रश्न पत्र-7
सामान्य अध्ययन-V
कानून, मानव विकास, खेल,
अंतर्राष्‍ट्रीय एवं राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थाएं
तथा समसामयिकि
3 घंटे 200
कुल अंक 1400
साक्षात्कार/व्यक्तित्व परीक्षण
150
कुल अंक 1550


CGPSC Prelims (प्रारम्भिक परीक्षा) Syllabus 2022

प्रश्न पत्र– 1

भाग 1- सामान्य अध्ययन

भारत का इतिहास एवं भारत का स्वतंत्रता आंदोलन।
भारत का भौतिक सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल।
भारत का संविधान एवं राजव्यवस्था।
भारत की अर्थव्यवस्था
सामान्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी।
भारतीय दर्शन, कला साहित्य एवं संस्कृति।
समसामयिक घटनाएं एवं खेल।
पर्यावरण

भाग 2- छत्तीसगढ़ का सामान्य ज्ञान

छत्तीसगढ़ का इतिहास एवं स्वतंत्रता आंदोलन में छत्तीसगढ़ का योगदान।
छत्तीसगढ़ का भूगोल, जलवायु, भौतिक दशाएं, जनगणना, पुरातत्व एवं पर्यटन केंद्र।
छत्तीसगढ़ का इतिहास, संगीत, नृत्य, कला एवं संस्कृति, जनउला, मुहावरे, हाना एवं लोकोक्तियां।
छत्तीसगढ़ की जनजातियाँ, विशेष परंपराएं, तीज एवं त्यौहार।
छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था, वन एवं कृषि।
छत्तीसगढ़ का प्रशासनिक ढांचा, स्थानीय शासन एवं पंचायतीराज।
छत्तीसगढ़ में उद्योग, ऊर्जा, जल एवं खनिज एवं संसाधन।
छत्तीसगढ़ की समसामयिक घटनाएँ।

प्रश्न पत्र– 2
संचार कौशल सहित पारस्परिक कौशल।
तार्किक तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता।
निर्णय-निर्माण और समस्या निवारण।
सामान्य मानसिक योग्यता।
मूल संख्यात्मक कार्य (सामान्य गणितीय कौशल दसवीं कक्षा के स्तर तक), आंकड़ों की व्याख्या (चार्ट, रेखांकन, तालिका, आंकड़ों की पर्याप्तता इत्यादि- दसवीं कक्षा के स्तर तक)
हिंदी भाषा का ज्ञान (दसवीं कक्षा के स्तर तक)
छत्तीसगढ़ी भाषा का ज्ञान। (हिंदी भाषा का ज्ञान और छत्तीसगढ़ी भाषा के ज्ञान से संबंधित प्रश्न उसी भाषा में होंगे और इनका अनुवाद उपलब्ध नहीं होगा।)

CGPSC Mains Syllabus 2022

प्रश्न पत्र-01 भाषा (अंक: 200, अवधि:3 घंटा)

भाग-1 सामान्य हिंदी

भाषा-बोध
संक्षिप्त लेखन
पर्यायवाची एवं विलोम शब्द
समोच्चरित शब्दों के अर्थ भेद
वाक्यांश के लिए एक सार्थक शब्द
संधि एवं संधि विच्छेद
सामासिक पद रचना एवं समास विग्रह
तत्सम एवं तद्भव शब्द
शब्द शुद्धि, वाक्य शुद्ध
उपसर्ग एवं प्रत्यय
मुहावरे एवं लोकोक्तियां उनके अर्थ एवं प्रयोग
पत्र लेखन
हिंदी साहित्य के इतिहास में काल विभाजन एवं नामकरण
छत्तीसगढ़ के साहित्यकार एवं उनकी रचनाएं
अपठित गद्यांश
शब्द युग्म
प्रारूप लेखन
प्रपत्र, परिपत्र, पृष्ठांकन, अधिसूचना, टिप्पणी लेखन, शासकीय एवं अर्धशासकीय पत्र, प्रतिवेदन
पत्रकारिता
अनुवाद हिंदी से अंग्रेजी तथा अंग्रेजी से हिंदी में।

भाग-2 General English

Comprehension
Precise writing
Rearrangement and correction of the sentence
Synonyms
Antonyms
Fill in the blanks
Correction of Spelling
Vocabulary and Uses
Idiom and Phrases
Tenses
Preposition
Active Voice and Passive Voice
Part of speech

भाग-3 छत्तीसगढ़ी भाषा

छत्तीसगढ़ी भाषा का ज्ञान
छत्तीसगढ़ी भाषा का विकास एवं इतिहास
छत्तीसगढ़ी भाषा का साहित्य एवं प्रमुख साहित्यकार
छत्तीसगढ़ी का व्याकरण
शब्द साधन- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया विशेषण, संबंधबोधक, विस्मयादिबोधक
कारक, काल
लिंग
वचन
शब्द रचना की विधियां
उपसर्ग
प्रत्यय शब्द- हिंदी में संघ, छत्तीसगढ़ी में संघ
समास
छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग
छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास में समाचार पत्रों पत्रिकाओं आकाशवाणी व सिनेमा की भूमिका
लोक व्यवहार में छत्तीसगढ़ी
छत्तीसगढ़ी भाषा का सामान्य परिचय- नामकरण, छत्तीसगढ़ी भाषा का परिचय, छत्तीसगढ़ी में क्रियाओं में वर्तमान, भूत तथा पूर्ण+ अपूर्ण वर्तमान
भविष्य काल के रूप
पूर्ण+अपूर्ण भविष्य काल
पाद टिप्पणी

प्रश्न पत्र-02 निबंध (अंक: 200, अवधि:3 घंटा)
भाग-1 अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के मुद्दे
अभ्यार्थियों को खोल दो मुद्दों पर निबंध लिखना होगा।
सभी निबंध में कारण, वर्तमान स्थिति आंकड़ों सहित एवं समाधान लिखना होगा।
इस भाग से चार मुद्दे दिए जाएंगे जिनमें से दो मुद्दों पर 750-750 शब्दों में निबंध लिखना होगा।
प्रत्येक मुद्दे हेतु अधिकतम 50 अंक होंगे।
भाग-2 छत्तीसगढ़ राज्य स्तर के मुद्दे
अभ्यार्थियों को खोल दो मुद्दों पर निबंध लिखना होगा।
सभी निबंध में कारण, वर्तमान स्थिति आंकड़ों सहित एवं समाधान लिखना होगा।
इस भाग से चार मुद्दे दिए जाएंगे जिनमें से दो मुद्दों पर 750-750 शब्दों में निबंध लिखना होगा।
प्रत्येक मुद्दे हेतु अधिकतम 50 अंक होंगे।

प्रश्न पत्र-03 सामान्य अध्ययन-I (अंक: 200, अवधि:3 घंटा)

भाग-1 भारत का इतिहास

प्रागैतिहासिक काल
सिंधु सभ्यता
वैदिक सभ्यता
जैन धर्म तथा बौद्ध धर्म
मगध साम्राज्य का उदय
मौर्य राज्य तथा अर्थव्यवस्था
गुप्त साम्राज्य
गुप्त- वाकाटक काल में कला
स्थापत्य, साहित्य तथा विज्ञान का विकास
दक्षिण भारत के प्रमुख राजवंश
मध्यकालीन इतिहास
सल्तनत एवं मुगल काल
विजयनगर राज्य
भक्ति आंदोलन
सूफीवाद
क्षेत्रीय भाषाओं में साहित्य का विकास
मराठों का अभ्युदय
यूरोपियों का आगमन तथा ब्रिटिश सर्वोच्चता स्थापित होने के कारक
ब्रिटिश साम्राज्य का विस्तार- युद्ध एवं कूटनीति
ग्रामीण अर्थव्यवस्था- कृषि,
भू राजस्व व्यवस्था-स्थाई बंदोबस्त, रैयतवाड़ी, महालवाड़ी
हस्तशिल्प उद्योग का पतन
ईस्ट इंडिया कंपनी के रियासतों के साथ संबंध
प्रशासनिक संरचना में परिवर्तन
1858 के पश्चात नगरिया अर्थव्यवस्था- रेलों का विकास, औद्योगिकरण, संवैधानिक विकास।
सामाजिक धार्मिक सुधार आंदोलन- ब्रह्म समाज, आर्य समाज, प्रार्थना समाज, रामकृष्ण मिशन,
राष्ट्रवाद का उदय
1857 की क्रांति
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना बंगाल का विभाजन और स्वदेशी आंदोलन
होमरूल आंदोलन
गाँधीवादी आंदोलन
भारत छोड़ो आंदोलन
मजदूर किसान एवं आदिवासी आंदोलन
दलितों में सुधार आंदोलन
मुस्लिमों में सुधार आंदोलन
अलीगढ़ आंदोलन
आजाद हिंद फौज
स्वतंत्रता और भारत का विभाजन रियासतों का विलीनीकरण।

भाग-2 संविधान एवं लोक प्रशासन

भारत का संवैधानिक विकास (1773-1950)
संविधान का निर्माण एवं मूल विशेषताएं- प्रस्तावना, संविधान की प्रकृति, मूलभूत अधिकार और कर्तव्य
राज्य नीति के निर्देशक तत्व- संघीय कार्यपालिका, व्यवस्थापिका, न्यायपालिका।
संवैधानिक उपचार का अधिकार
जनहित याचिकाएं
न्यायिक सक्रियता
न्यायिक पुनर्विलोकन
महान्यायवादी
राज्य कार्यपालिका, व्यवस्थापिका, न्यायपालिका, महाधिवक्ता।
संघ राज्य संबंध, प्रशासनिक और वित्तीय।
अखिल भारतीय सेवाएं
संघ लोक सेवा आयोग एवं राज्य लोक सेवा आयोग।
आपात उपबंध
संवैधानिक संशोधन आधारभूत ढांचे की अवधारणा।

छत्तीसगढ़ शासन- व्यवस्थापिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका।
लोक प्रशासन- अर्थ, क्षेत्र, प्रकृति और महत्व।
उदारीकरण के अधीन लोक प्रशासन और निजी प्रशासन।
नवीन लोक प्रशासन, विकास प्रशासन एवं तुलनात्मक लोक प्रशासन।
लोक प्रशासन में नए आयाम
राज्य बनाम बाजार
विधि का शासन
संगठन- सिद्धांत, उपागम, संरचना।
प्रबंध- नेतृत्व, नीति निर्धारण, निर्णय निर्माण।
प्रशासनिक प्रबंध के उपकरण- समन्वय, प्रत्यायोजन, संचार, पर्यवेक्षण, अभिप्रेरणा।
प्रशासनिक सुधार, सुशासन, ई गवर्नेंस, नौकरशाही।
जिला प्रशासन
भारत में प्रशासन पर नियंत्रण- संसदीय, वित्तीय, न्यायिक एवं कार्य पालक।
लोकपाल एवं लोकायुक्त
सूचना का अधिकार
पंचायत एवं नगरपालिका आएं
संसदीय अध्यक्षात्मक एकात्मक संघात्मक शासन।
शक्ति पृथक्करण का सिद्धांत
छत्तीसगढ़ का प्रशासनिक ढांचा

भाग-3 छत्तीसगढ़ का इतिहास

प्रागैतिहासिक काल
छत्तीसगढ़ का इतिहास- वैदिक युग से गुप्त काल तक
प्रमुख राजवंश राजर्षि तुल्य कुल, नल, पांडू, सोमवंशी इत्यादि।
कलचुरी एवं उनका प्रशासन
मराठों के अधीन छत्तीसगढ़
ब्रिटिश संरक्षण में छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ की पूर्व रियासतों एवं जमीदारी
सामंती राज
1857 की क्रांति
छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता आंदोलन
श्रमिक, कृषक एवं जनजातीय आंदोलन
छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण।

प्रश्न पत्र-04 सामान्य अध्ययन-II (अंक: 200, अवधि:3 घंटा)

भाग-1: सामान्य विज्ञान

रसायन विज्ञान
रासायनिक अभिक्रिया की दर एवं रासायनिक साम्य–रासायनिक अभिक्रिया की दर का प्रारंभिक ज्ञान, तीव्र एवं मंद रासायनिक अभिक्रियाएं।
धातुएं– आवर्त सारणी में धातुओं की स्थिति एवं सामान्य गुण, धातु, खनिज अयस्क, खनिज एवं अयस्क में अंतर।
धातु कर्म– अयस्क का सांद्रण, निस्तापन, प्रगलन एवं शोधन, कॉपर एवं आयरन का धातु कर्म, धातुओं का संक्षारण, मिश्र धातु।
अधातु- आवर्त सारणी में अधातुओं की स्थिति एवं सामान्य गुण, कुछ महत्वपूर्ण कार्बनिक योगिक, कुछ सामान्य कृतिम बहुलक, पॉलिथीन, पाली विनाइल क्लोराइड, साबुन एवं अपमार्जक।

भौतिक विज्ञान
प्रकाश– प्रकाश की प्रकृति, प्रकाश का परावर्तन, परावर्तन के नियम, समतल एवं वक्रता से परावर्तन,
समतल, उत्तल एवं अवतल दर्पण द्वारा प्रतिबिंब रचना
फोकस दूरी तथा वक्रता त्रिज्या में संबंध
गैसों में विद्युत विसर्जन
सूर्य में ऊर्जा उत्पत्ति के कारण
विद्युत और इसके प्रभाव– विद्युत तीव्रता, विभव विभवांतर, विद्युत धारा, ओम का नियम, प्रतिरोध, विशिष्ट प्रतिरोध तथा प्रभाव कारक।
प्रतिरोधों का संयोजन एवं इसके अंकित प्रश्न
विद्युत धारा का उष्मीय प्रभाव
सत्य एवं विद्युत ऊर्जा व्यय की गणना, विद्युत प्रयोग में रखी जाने वाली सावधानियां
प्रकाश विद्युत प्रभाव
सोलर सेल संरचना
P-N संघ
डायोड

जीव विज्ञान
परिवहन– पौधों में जल एवं खनिज लवण का परिवहन, जंतुओं में परिवहन रुधिर की संरचना तथा कार्य
हृदय की संरचना तथा कार्य विधि
प्रकाश संश्लेषण परिभाषा एवं प्रक्रिया के प्रमुख पद, प्रकाश अभिक्रिया एवं अंधकार अभिक्रिया।
श्वसन परिभाषा, श्वसन के प्रकार, मनुष्य का श्वसन तंत्र एवं श्वसन प्रक्रिया।
मनुष्य का पाचन तंत्र एवं पाचन क्रिया नियंत्रण एवं समन्वय
मनुष्य का तंत्रिका तंत्र
मस्तिष्क एवं मेरुरज्जु की संरचना एवं कार्य
पौधे एवं जंतुओं में समन्वय पादप हार्मोन
अंतः स्रावी ग्रंथियां हार्मोन एवं कार्य
प्रजनन एवं वृद्धि- प्रजनन के प्रकार, अलैंगिक प्रजनन, विखंडन, मुकुलन एवं पुनरुदभवन, कृतिम वर्धी प्रजनन
स्तरीकरण एवं कलम लगाना
ग्राफ्टिंग, अनिमेष प्रजनन, पौधों में लैंगिक प्रजनन अंग, पुष्प की संरचना एवं प्रजनन प्रक्रिया, परागण, निषेचन।
मानव प्रजनन तंत्र तथा प्रजनन प्रक्रिया अनुवांशिकी एवं विकास अनुवांशिकी भिन्नता
अनुवांशिकता का मूल आधार गुण सूत्र एवं डीएनए की प्रारंभिक जानकारी।

भाग-2: योग्यता परीक्षण, तार्किक योग्यता एवं बुद्धिमता परीक्षण

परिमेय संख्याओं का जोड़ना, घटाना,गुणा करना, भाग देना
परिमेय संख्याओं के बीच परिमेय संख्या ज्ञात करना।
अनुपात एवं समानुपात- अनुपात एवं समानुपात की परिभाषा, योगानुपात, अंतर अनुपात, व्युत्क्र मानुपात आदि व उनके अनुप्रयोग
वाणिज्य गणित- बैंकिंग, बचत खाता, सावधि जमा खाता एवं आवर्ती जमा खाता पर ब्याज की गणना।
आयकर की गणना ( केवल वेतन भोगी के लिए तथा गृह भाड़ा भत्ता को छोड़कर)
गुणनखंड,
लघुत्तम समापवर्तक एवं महत्तम समापवर्तक
वैदिक गणित– जोड़ना, घटाना, गुणा, भाग, विजांक से उत्तर की जांच।
वर्गमूल, वर्ग,घन, घनमूल
बीजगणित में वैदिक विधियों का प्रयोग आदि।
भारतीय गणितज्ञ एवं उनका कृतित्व- आर्यभट्ट, वराह मिहिर, ब्रह्मगुप्त, भास्कर आचार्य, श्रीनिवास रामानुजन के संदर्भ में।
गणितीय संक्रियाएं, मूल संख्यात्मक कार्य
आंकड़ों की व्याख्या- चार्ट, रेखांकन, तालिका, आंकड़ों के पर्याप्तता इत्यादि।
आंकड़ों का विश्लेषण
समांतर माध्य एवं माध्यिका
बहुलक
प्रायिकता, प्रायिकता के जोड़ एवं बुढ़ापे में पर आधारित प्रश्न
व्यावहारिक गणित- लाभ हानि प्रतिशत ब्याज एवं औसत।
समय गति, दूरी, नदी, नाम।
संबंध आत्मक परीक्षण
विषम शब्द, शब्दों का विषम जोड़,
सांकेतिक भाषा परीक्षण, संबंधी परीक्षण, वर्णमाला परीक्षण, शब्दों का तार्किक विश्लेषण, छोटे हुए अंक या शब्द की प्रविष्टि, कथन एवं कारण
स्थिति प्रतिक्रिया परीक्षण
आकृति श्रेणी
तथ्यों का लुप्त होना
सामान्य मानसिक योग्यता।

भाग 3: एप्लाइड एवं व्यावहारिक विज्ञान

ग्रामीण भारत में सूचना प्रौद्योगिकी की भूमिका
कंप्यूटर का आधारभूत ज्ञान, संचार एवं प्रसारण में कंप्यूटर
आर्थिक वृद्धि और टवेयर का विकास, आईटी के वृहद अनुप्रयोग
ऊर्जा संसाधन- ऊर्जा की मांग, ऊर्जा का नवीनीकरण और नवीनीकरण, ऊर्जा के स्रोत, नाभिकीय ऊर्जा का देश में विकास एवं उपयोगिता।
भारत में वर्तमान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का विकास, कृषि का उद्भव, कृषि विज्ञान में प्रगति एवं उसके प्रभाव, भारत में फसल विज्ञान, उर्वरक, कीट नियंत्रण एवं भारत में रोगों का परिदृश्य।
जैव विविधता एवं उसका संरक्षण- सामान्य परिचय- परिभाषा, अनुवांशिक प्रजात एवं पारिस्थितिकी तंत्र विविधता।
भारत का जैव भौगोलिक वर्गीकरण
जैव विविधता का महत्व विनाशकारी उपयोग, उत्पादक उपयोग, सामाजिक, नैतिक, वैकल्पिक दृष्टि से महत्व।
भारत एक वृहद विविधता वाले राष्ट्र के रूप में। जैव विविधता के तप्त स्थल।
भारत की विलुप्त होती तथा स्थानीय प्रजातियां।
जैव विविधता का संरक्षण
पर्यावरण प्रदूषण- कारण प्रभाव एवं नियंत्रण के उपाय- वायु प्रदूषण, जल, समुद्री प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, तापीय प्रदूषण, नाभिकीय प्रदूषण।
ठोस अपशिष्ट प्रबंध नगरीय एवं औद्योगिक ठोस कूड़े करकट का प्रबंधन: कारण, प्रभाव एवं नियंत्रण।
प्रदूषण के नियंत्रण में व्यक्ति की भूमिका।

प्रश्न पत्र-05 सामान्य अध्ययन-III (अंक: 200, अवधि:3 घंटा)

भाग 1: भारत एवं छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था

राष्ट्रीय एवं प्रति व्यक्ति आय, भारतीय अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक परिवर्तन
निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्रों की भूमिका में परिवर्तन एवं नवीनतम योजनाओं के कुल योजना गत व्यय में उनके हिस्से।
आर्थिक सुधार, निर्धनता एवं बेरोजगारी की समस्याएं, माप एवं उन्हें दूर करने के लिए किए गए उपाय।
मौद्रिक नीति- भारतीय बैंकिंग एवं गैर बैंकिंग वित्तीय संसाधनों के स्वरूप एवं उनमें 1990 के दशक से सुधार, रिजर्व बैंक के साथ का नियमन।
सार्वजनिक राजस्व, सार्वजनिक व्यय, सार्वजनिक ऋण और राजकोषीय घाटा की संरचना और अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव।

छत्तीसगढ़ के संदर्भ में
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग का सामाजिक पिछड़ापन,
साक्षरता एवं व्यवसायिक संरचना, आय एवं रोजगार के क्षेत्रीय वितरण में परिवर्तन,
महिलाओं की सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण
बाल श्रम समस्या एवं ग्रामीण विकास
राज्य के वित्त एवं बजटीय नीति, कर संरचना, केंद्रीय कर में हिस्सेदारी, राजस्व एवं पूंजी खाता में व्यय संरचना।
आंतरिक एवं विश्व बैंक के ऋण सहित बाहरी ऋण।
सहकारिता की संरचना एवं वृद्धि तथा कुल शाख में उनके हिस्से पर्याप्तता एवं समस्याएं।

भाग 2: भारत का भूगोल

भारत की भौतिक विशेषताएं:- स्थिति एवं विस्तार, भूगर्भिक संरचना, भौतिक विभाग, अपवाह तंत्र, जलवायु, मिट्टी, वनस्पति एवं वनों का महत्व, भारतीय वन नीति, वन संरक्षण।
मानवीय विशेषताएं:- जनसंख्या- जनगणना, जनसंख्या वृद्धि, घनत्व एवं वितरण, जन्म दर, मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, प्रवास साक्षरता, व्यावसायिक संरचना, नगरीकरण।
कृषि: भारतीय कृषि की विशेषताएं, कृषि गत फसलें- खाद्यान्न, दाल, तिलहन व अन्य फसलें उनका उत्पादन एवं वितरण।
सिंचाई के साधन व उनका महत्व, कृषि का आधुनिकरण, कृषि की समस्याएं एवं नियोजन।
सिंचाई बहुउद्देशीय परियोजनाएं।
हरित क्रांति, स्वेत क्रांति, नीली क्रांति।
खनिज संसाधन- खनिज भंडार, खनिज उत्पादन एवं वितरण।
ऊर्जा संसाधन: कोयला, पेट्रोलियम, तापीय विद्युत शक्ति, परमाणु शक्ति, ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोत।
उद्योग: भारत में उद्योगों के विकास एवं संरचना, बड़े, मध्यम, लघु एवं लघु उत्तर क्षेत्र।
कृषि वन एवं खनिज आधारित उद्योग।

प्रश्न पत्र-06 सामान्य अध्ययन-IV (अंक: 200, अवधि:3 घंटा)

भाग-1: दर्शनशास्‍त्र–(75 अंक)

दर्शन का स्‍वरूप, धर्म एवं संस्‍कृति से उसका संबंध भारतीय दर्शन एवं पाश्‍चात्‍य दर्शन में अंतर, वेद एवं उपनिषद्-ब्रह्मा, आत्‍मा, ऋत, गीता दर्शन-स्थितप्रज्ञ, स्‍वधर्म, कर्मयोग, चार्वाक दर्शन-ज्ञानमीमांसा, तत्‍त्‍वमीमांसा, सुखवाद, जैन दर्शन-जीव का स्‍वरूप, अनेकांतवाद, स्‍यादवाद, पंचमहाव्रत बौद्ध दर्शन-प्रतीत्‍यसमुत्‍पाद, अष्‍टांग मार्ग, अनात्‍मवाद, क्षणिकवाद, सांख्‍य दर्शन-सत्‍कार्यवाद, प्रकृति एवं पुरूष का स्‍वरूप, विकासवाद योग दर्शन-अष्‍टांग योग, न्‍याय दर्शन-प्रमा, अप्रमा, असत्‍कार्यवाद, वैशेषिक दर्शन-परमाणुवाद, मीमांसा दर्शन-धर्म, अपूर्व का सिद्धान्‍त, अद्वैत वेदान्‍त-ब्रह्म, माया, जगत, मोक्ष,

भारतीय चिंतक-
कौटिल्‍य-सप्‍तांग सिद्धान्‍त, मण्‍डल सिद्धान्‍त
गुरूनानक-सामाजिक नैतिक चिन्‍तन,
गुरू घासीदास-सतनाम पथ की विशेषताएं,
वल्‍लभाचार्य-पुष्टिमार्ग,
स्‍वामी विवेकानन्‍द-व्‍यावहारिक वेदान्‍त, सार्वभौम धर्म,
श्री अरविन्‍द-समग्र योग, अतिमानस,
महात्‍मा गांधी-अहिंसा, सत्‍याग्रह, एकादश व्रत,
भीमराव अम्‍बेडकर-सामाजिक चिन्‍तन,
दीनदयाल उपाध्‍याय-एकात्‍म मानव दर्शन ,

पाश्चात्य चिन्तन-
प्‍लेटो-सदगुण,
अरस्‍तू-कारणता सिद्धान्‍त,
संत एन्‍सेल्‍म-ईश्‍वर सिद्धि हेतु सत्‍तामूलक तर्क,
देकार्त-संदेह पद्धति, मैं सोचता हूँ, इसलिए मैं हूँ,
स्पिनोजा-द्रव्‍य, सर्वेश्‍वरवाद,
लाइब्‍नीत्‍ज-चिदणुवाद, पूर्व स्‍थापित सामंजस्‍य का सिद्धान्‍त
लॉक-ज्ञानमीमांसा,
बर्कले-सत्‍ता अनुभवमूलक है,
ह्यूम-संदेहवाद,
कांट-समीक्षावाद,
हेगल-बोध एवं सत्‍ता,
द्वन्‍द्वात्‍मक प्रत्‍ययवाद,
ब्रेडले-प्रत्‍ययवाद,
मूर-वस्‍तुवाद,
ए.जे. एयर-सत्‍यापन सिद्धान्‍त,
जॉन डिवी-व्‍यवहारवाद
सार्त्र-अस्तित्‍ववाद,

धर्म का अभिप्राय, धर्मदर्शन का स्‍वरूप, धार्मिक सहिष्‍णुता, पंथ निरपेक्षता, अशुभ की समस्‍या, नैतिक मूल्‍य एवं नैतिक, दुविधा प्रशासन में नैतिक तत्‍व, सत्‍यनिष्‍ठा, उत्‍तरदायित्‍व एवं पारदर्शिता, लोक सेवकों हेतु आचरण संहिता,
भ्रष्‍टाचार-अर्थ, प्रकार, कारण एवं प्रभाव, भ्रष्‍टाचार दूर करने के उपाय, व्हिसलब्‍लोअर की प्रासंगिकता।

भाग-2: समाजशास्‍त्र–(50 अंक)

अर्थ, क्षेत्र एवं प्रकृति, अध्‍ययन का महत्‍व, अन्‍य विज्ञानों से इसका संबंध।
प्राथमिक अवधारणाएँ-समाज, समुदाय, समिति, संस्‍था, सामाजिक समूह, जनरीतियाँ एवं लोकाचार।
व्‍यक्ति एवं समाज-सामाजिक अत: क्रियाऍं, स्थिति एवं भूमिका, संस्‍कृति एवं व्‍यक्तित्‍व, समाजीकरण।
हिन्‍दू सामाजिक संगठन-धर्म, आश्रम, वर्ण, पुरूषार्थ।
सामाजिक स्‍तरीकरण-जाति एवं वर्ग।
सामाजिक प्रक्रियाऍं-सामाजिक अत: क्रिया, सहयोग, संघर्ष, प्रतिस्‍पर्धा।
सामाजिक नियंत्रण एवं सामाजिक परिवर्तन-सामाजिक नियंत्रण के साधन एवं अभिकरण।
सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रियाएं एवं कारक।
भारतीय सामाजिक समस्‍याएं सामाजिक विघटन, नियमहीनता, अलगाव, विषमता।
सामाजिक शोध एवं प्रविधियां-सामाजिक अनुसंधान का उद्देश्‍य, सामाजिक घटनाओं के अध्‍ययन में वैज्ञानिक पद्धति का उपयोग,
वस्‍तुनिष्‍ठता की समस्‍या, तथ्‍य संकलन की प्रविधियां एवं उपकरण-अवलोकन, साक्षात्‍कार, प्रश्‍नावली, अनुसूची।

भाग-3: छत्तीसगढ़ का सामाजिक परिदृश्‍य–(75 अंक)

जनजातीय सामाजिक संगठन, विवाह, परिवार, गोत्र, युवा, समूह, जनजातीय विकास-इतिहास कार्यक्रम व नीतियां-संवैधानिक व्‍यवस्‍था। छत्‍तीसगढ़ की विशेष पिछड़ी जनजातियां, अन्‍य जनजातियां, अनुसूचित जातियां एवं अन्‍य पिछड़ा वर्ग की जातियां, छत्‍तीसगढ़ के जनजातियों में प्रचलित प्रमुख आभूषण एवं विशेष परंपराएं, जनजातीय समस्‍याएं : पृथक्‍करण, प्रवासन और परसंस्‍कृतिकरण।
छत्‍तीसगढ़ की लोक कला, लोक साहित्‍य एवं प्रमुख लोक कलाकार, छत्‍तीसगढ़ी लोकगीत, लोककथा, लोक नाट्य! जनऊला मुहावरे, हाना, लोकोकृतियाँ।
छत्‍तीसगढ़ राज्‍य के साहित्‍य, संगीत एवं ललित कला के क्षेत्र में स्‍थापित संस्‍थाएं, उक्‍त क्षेत्रों में छत्‍तीसगढ़ शासन द्वारा स्‍थापित सम्‍मान एवं पुरस्‍कार।
छत्‍तीसगढ़ की लोक संस्‍कृति, छत्‍तीसगढ़ राज्‍य के प्रमुख मेले तथा पर्व-त्‍यौहार, राज्‍य के पुरातात्विक संरक्षित स्‍मारक एवं स्‍थल तथा उत्‍खनित स्‍थल, छत्‍तीसगढ़ शासन द्वारा चिन्‍हांकित पर्यटन स्‍थल, राष्‍ट्रीय उद्यान, अभ्‍यारण्‍य और बस्‍तर के जलप्रताप एवं गुफाएं, छत्‍तीसगढ़ के प्रमुख संत।


प्रश्न पत्र-07 सामान्य अध्ययन-V (अंक: 200, अवधि:3 घंटा)

भाग-1: कल्याणकारी, विकासात्मक कार्यक्रम एवं कानून–(75 अंक)
1. सामाजिक एवं महत्वपूर्ण विधान– भारतीय समाज,
सामाजिक बदलाव के एक साधन के रूप में सामाजिक विधान,
मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम् 1993,
भारतीय संविधान एवं आपराधिक विधि (दण्ड प्रक्रिया संहित) के अंतर्गत महिलाओं को प्राप्त सुरक्षा (सीआरपीसी),
घरेलू हिंसा से स्त्री का संरक्षण अधिनियम-2005,
सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955,
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989,
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005,
पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986
उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम् 1986
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000,
भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम-1988.

2. छत्तीसगढ़ के संदर्भ में : छत्तीसगढ़ में प्रचलित विभिन्‍न नियम/अधिनियम एवं उनके छत्तीसगढ़ के निवासियों पर कल्‍याणकारी एवं विकासात्मक प्रभाव।
3. छत्तीसगढ़ शासन की कल्‍याणकारी योजनाएं: छत्तीसगढ़ शासन द्वारा समय-समय पर प्रचलित कल्‍याणकारी, जनोपयोगी एवं महत्वपूर्ण योजनायें।

भाग-2: अन्‍तर्राष्‍ट्रीय एवं राष्ट्रीय खेल, घटनाएं एवं संगठन–(50 अंक)
संयुक्‍त राष्ट्र एवं उसके सहयोगी संगठन,
अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्रा कोष,
विश्‍व बैंक एवं एशियाई बैंक,
सार्क, ब्रिक्स अन्य द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय समूह,
विश्‍व व्यापार संगठन एवं भारत पर इसके प्रभाव,
राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्‍ट्रीय खेल एवं प्रतियोगिताएं।

भाग-3: अंतर्राष्‍ट्रीय एवं राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थाएं एवं मानव विकास में उनका योगदान–(75 अंक)
कुशल मानव संसाधन की उपलब्‍धता,
भारत में मानव संसाधन की नियोजिता एवं उत्पादकता,
रोजगार के विभिन्‍न चलन (ट्रेंडस)
मानव संसाधन विकास में विभिन्‍न संस्थाओं परिषदों,
जैसे-उच्च शिक्षा और अनुसंधान के लिए राष्‍ट्रीय आयोग,
राष्‍ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद्,
राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग,
मुक्‍त विश्‍वविद्यालय, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, राष्‍ट्रीय शिक्षा शिक्षक परिषद्,
राष्ट्रीय व्‍यवसायिक शिक्षा परिषद्, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान,
भारतीय प्रबंध संस्था‍न, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, राष्ट्रीय विधि विश्‍वविद्यालय,
पॉलीटेक्निक एवं आई.टी.आई. आदि की भूमिका,
मानव संसाधन विकास में शिक्षा-एक साधन,सार्वभौमिक/समान प्रारंभिक शिक्षा,
उच्च, शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा, व्‍यावसायिक शिक्षा की गुणवत्ता,
बालिकाओं की शिक्षा से संबंधित मुद्दे, वंचित वर्ग, नि:शक्‍त जन से संबंधित मुद्दे।

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